चमेला कालोनी वासी बिजली का समाधान न होने पर उतरे सड़कों पर
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जैसे-जैसे गरमी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे ही बिजली का संकट भी गहराता जा रहा है और लोगों को दिन के साथ-साथ रात भी सड़कों पर गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शहर की चमेला कालोनी व आर्य उपनगर में लोगों को पिछले चार दिनों से बिजली कट से परेशान होकर सड़कों पर उतर आए और उनकी समस्या का समाधान करने की मांग की। लोगों के विरोध को देखते हुए विभाग के कार्यकारी अभियंता भीम सैन मौके पर पहुंचे और लोगों को उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। कालोनी वासी सुरेश पप्पू, प्रवीण जोशी, डा. अमित सैन, रमेश सैनी, बलबीर मिस्त्री, बुग्गा, दलबीर, अशोक इंसा आदि का कहना है कि गरमी के मौसम में लोगों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण बच्चे-बुजुर्गों व महिलाओं को दिक्कतें पेश आ रही है। उन्होंने कहा कि लोड के कारण बिजली के ट्रांसफर जल रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारी खराब व बिना तेल के ट्रांसफर को उनकी कालोनी में रखकर चले जाते हैं और थोड़ी देर बाद ही ट्रांसफर जल जाता है और वही समस्या दोबारा पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा उनके क्षेत्र मेें बिजली का बड़ा ट्रांसफर रखे जाने की कई बार मांग उठा चुकी है, लेकिन लगभग 150-200 घरों पर केवल एक ही ट्रांसफार्मर है, जिसके कारण यह समस्या गहराती जा रही है। उन्होंनेक कहा कि सुबह 5 बजे से लेकी बिजली उनके साथ आंख मिचौली कर रही है, जिससे उन्होंने मजबूरी वश घरों से निकलकर सड़क पर उतरना पड़ा। आखिर में लगभग रात साढ़े 10 बजे तीसरा ट्रांसफार्मर रखे जाने पर बिजली सप्लाई शुरू हो सकी और लोगों ने राहत की सांस ली
केवल दो कर्मचारियों के भरोसे है क्षेत्र की बिजली
गरमी के मौसम में बिजली की समस्या का समाधान करने का काम केवल दो बिजली कर्मचारियों के भरोसे है। जिसके कारण कर्मचारी चाहकर भी लोगों की समस्या का समय रहते समाधान नहीं कर पा रहे हैं। कई कर्मचारियों को लगातार दो-दो शिफ्टों में काम करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तकनीकि कर्मचारियों से कार्यालय मेें काम लिया जा रहा है, जिसके कारण बिजली की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है, जबकि कर्मचारियों की संख्या लगातार घट रही है। उन्होंने विभाग से मांग की कि कर्मचारियों की संख्या में इजाफा किया जाए, ताकि लोगों के साथ-साथ कर्मचारियों को चैन मिल सके।